सेना अधिकारी पर आपत्तिजनक टिप्पणी: सुप्रीम कोर्ट ने मप्र के मंत्री को लगाई फटकार, एसआईटी जांच के निर्देश

कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, तीन आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित करने का आदेश

नई दिल्ली: भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह को कड़ी फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए प्रदेश कैडर के बाहर के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ए. जी. मसीह की पीठ ने सोमवार को आदेश पारित करते हुए राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिया कि वे अगले दिन तक एसआईटी का गठन करें। कोर्ट ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि इस दौरान आरोपी मंत्री को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, लेकिन वह जांच में पूरा सहयोग करें।

कोर्ट ने क्या कहा:
पीठ ने कहा, “हम तीन आईपीएस अधिकारियों वाली एसआईटी गठित कर रहे हैं। उनमें से एक अधिकारी आईजी या डीजीपी स्तर का होना चाहिए और सभी राज्य से बाहर के हों। यह एक ‘लिटमस टेस्ट’ है और हम इस मामले पर कड़ी नजर रखेंगे।”

अदालत ने स्वत: संज्ञान लेकर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश को चुनौती देने वाली मंत्री की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही दिन संकेत दिए थे कि मंत्री के गैर-जिम्मेदाराना बयान पर उन्हें कोई राहत नहीं दी जा सकती।

क्या है मामला:
12 मई को इंदौर के पास एक कार्यक्रम में मंत्री कुंवर विजय शाह ने सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘आतंकवादियों की बहन’ तक कह डाला था। यह टिप्पणी उस समय की गई जब कर्नल कुरैशी ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर प्रेस ब्रीफिंग की थी।

मंत्री के बयान के बाद सोशल मीडिया और जनमानस में भारी आक्रोश देखा गया। इस पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की एक पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला शामिल थीं, ने स्वत: संज्ञान लेकर मंत्री के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अदालत के आदेशों का पालन करते हुए मंत्री के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस ने बुधवार शाम तक कुंवर विजय शाह के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर लिया।

याचिकाकर्ता का पक्ष:
मंत्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विभा दत्ता मखीजा ने सुप्रीम कोर्ट से प्राथमिकी पर रोक लगाने की मांग की, यह कहते हुए कि मंत्री ने अपनी टिप्पणी पर पश्चाताप व्यक्त किया है और मीडिया ने उनकी बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में मंत्री की टिप्पणी को “संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए बेहद गैर-जिम्मेदाराना” बताया।

Author: ujaagar